प्रस्तुत एपिसोड में एक ऐसे सुप्रसिद्ध मधुर गीतकार एवं हमारे सहायक निर्माता डॉ जयसिंह आर्य (दिल्ली) को प्रस्तुत कर रहे है जो विलक्षण गीत विधा का अनूठा कवि है कवि वही जो अपने शब्दों से बाँध दें। जब प्रारम्भ करें तो बांसुरी के स्वर सा सम्मोहित कर दे। है किन्तु जैसे जैसे उसके शब्द विस्तार पाते जाते है तो श्रोता सुधबुध खो बैठते हैं। इनकी यह प्रस्तुत ग़ज़ल सशक्त प्रमाण है। ऐसी सम्मोहिनी विद्या के स्वामी हैं। जो इनकी रचनाओं अविस्मर्णीय बनाती है। निर्माता (अवैतनिक): प्रवीण आर्य सह-निर्माता: डॉ जय सिंह आर्य, संजू कुमार सूर्यम, प्रस्तोता: अनुनीत आर्य संगीत निर्देशक : पंडित राम लोचन प्रधान संपादिका: सुनीता बुग्गा संपादिका : दिव्या बंसल समन्वयक: सुरेन्द्र ख़ास {संरक्षक: श्री अनिल कुमार मित्तल ( सी.एम.डी. सतमोला) मार्गदर्शक: श्रीधर पराडकर सलाहकार: तिलक चांदना, उर्वशी अग्रवाल उर्वी, ऋचा सूद निर्देशक: राजेश चेतन सह-निर्देशक: अनुनीत आर्य संगीत निर्देशक: आचार्य राम लोचन संचालन: रसिक गुप्ता-रजनी अवनी मीडिया पार्टनर: णमोकार चैनल, एवं ईशदेन टी.वी. मिडिया प्रमोटर: धवल भावसार प्रेरणा:अखिल भारतीय साहित्य परिषद् न्यास काव्यपाठ संपर्क हेतु: व्हाट्सएप संदेश केवल 09711182183/0838391084/09149173355 सतमोला कवियों की चौपाल में अपने एकल काव्यपाठ को देखने हेतु आप हमारे वैबपोर्टल www.ishden.com को क्लीक कर ईशदेन टी.वी. एवं ईशदेन एप के लिंक प्राप्त कर सकते हैं} विशेष अनुरोध: कविता की सुचिता अक्षुण्ण रहे एवं नवांकुर कवि-मित्रों को प्रोत्साहन हेतु हमारे आपके ईशदेन टीवी को अवश्य सस्क्राइब करें। इसके लिए सस्क्राइब बटन को दबाएँ फिर बेल आइकॉन को दबाएँ।

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