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सतमोला कवियों की चौपाल-542/9| 28 दिसम्बर 2018| राममन्दिर पर झझकोरती कविता प्रसिद्ध कवि प्रवीण आर्य

स्तुत एपिसोड में प्रवीण आर्य स्वयं एक गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ । यह गीत राममन्दिर के निर्माण के प्रारम्भिक काल का है। अर्थात 25 वर्ष पूर्व लिखा गीत है इसमें पात्र बदल गये । किन्तु चरित्र वही का वही है।  हिन्दू समाज भी वही का वही है।  राम मंदिर निर्माण पूर्ण होने तक यह गीत बंजारा प्रवृति से घूमता रहेगा आपके बीच में। मेरा आग्रह है आप भी इस गीत को अपना मिशन बना लो और हो जाओ राम के दीवाने ।
निर्माता (अवैतनिक): प्रवीण आर्य
प्रस्तोता: अनुनीत आर्य
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