राष्ट्र सेविका समिति, उत्तरी विभाग दिल्ली प्रान्त ने सम्पूर्णा परिसर रोहिणी में एक भावपूर्ण कवयित्री सम्मलेन कर अमर हुतात्माओं को श्रद्धांजलि प्रदान कर वसंतोत्सव मनाया।
कार्यक्रम में दिल्ली प्रान्त की कार्यवाहिका श्रीमती सुनीता भाटिया एवं सह कार्यवाहिका श्रीमती विदुषी शर्मा (मुख्यवक्ता)
श्रीमती कनिका जैन उपाध्यक्ष महिला बाल विकास, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, सुप्रसिद्ध कवयित्री ऋतू गोयल (निगम पार्षद) परम आदरणीया दीदी माँ साध्वी समाहिता के उद्बोधन प्राप्त हुए। इस अवसर पर बेहद ओजपूर्ण वातावरण में कवयित्री सम्मलेन प्रारम्भ हुआ। स्कूल के बच्चों द्वारा नृत्य नाटिका के रूप में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। दीदी माँ समाहिता ने अपने आशीर्वचन में वीर सैनिकों के बलिदान को प्रणाम करते हुए कहा। जब वसंत चरम पर होता है तब 44 वीर भारत माता के लाडलों द्वारा बहाए रक्त के एक एक कतरे ने,समूचे देश को जो जातिवाद की गहरी विभाजन रेखा में बंट गया था। पुन: एक अकाट्य सूत्र में बांध दिया। इससे बढ़कर हुतात्माओं का बलिदान भारत माता को क्या उपहार होगा।
इस अवसर पर सर्वश्री शैलजा दुबे, रीता जयहिंद, दिव्या बंसल, ऋतू गोयल, रजनी अवनी, वन्दना रायजादा, सुनीता बुग्गा, साध्वी माँ समाहिता, अंजना अंजुम अपनी अपनी ओज पूर्ण रचनाओं से श्रोताओं के रक्त खौला दिया।
विशेषकर डॉ कीर्ति काले का ओजस्वी गीत "क्या कभी सिंहों का देश चूहों से हारा है........" ने समूचे कार्यक्रम से संदेश दे दिया कि भारत अपने दुश्मनों को छोड़ेगा
नहीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती सुनीता बुग्गा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वेदों में नारी का महत्व और कुटुंब प्रबोधन पर विचार रखें। उन्होंने प्रसिद्ध राष्ट्र कवि आचार्य जगदीश आर्य जी कालजयी अमर गीत "बुलबलों गर तुम्हारा चमन लुट गया... से अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।
मुख्य वक्ता : विदुषी शर्मा जी ने वसंतोत्सव पर अपने अमूल्य विचार रखते हुए सेविका समिति के कार्यों की जानकारी दी। बेहद सारगर्भित उद्बोधन में उन्होंने माँ सरस्वती का वसंत से संबंध, वीर हकीकत राय के बलिदान को याद दिलाया। सेविका समिति के बहनों को मार्गदर्शन करते हुए कहा हमारी सेविका समिति की बहनें अमर हुतात्माओं के परिवारों के संरक्षण हेतु भारत सरकार को आर्थिक रुप से धन एकत्रीकरण में भूमिका निभाऐं।
अंत में सरीता आनंद जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
राष्ट्र सेविका समिति का यह आयोजन इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि कार्यक्रम तो वसंतोत्सव का था किंतु ह्रदयाघाती घटना के बाद निर्णय किया गया कार्यक्रम को हुतात्मा वीर सैनिकों के शौर्य दिवस के रुप में मनाऐं। कार्यक्रम के आयोजन में प्रांत अधिकारी सरिता आनंद, नीता रूखड़,पुनीता जी, नंदिता जी, वैशाली जी, गायत्री जी सुमन शर्मा जी एवं सभी सेविका समिति की बहनों का विशेष श्रम रहा। कार्यक्रम की संयोजिका विभाग कार्यवाहिका शुभा आर्य थी।
कार्यक्रम में दिल्ली प्रान्त की कार्यवाहिका श्रीमती सुनीता भाटिया एवं सह कार्यवाहिका श्रीमती विदुषी शर्मा (मुख्यवक्ता)
श्रीमती कनिका जैन उपाध्यक्ष महिला बाल विकास, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, सुप्रसिद्ध कवयित्री ऋतू गोयल (निगम पार्षद) परम आदरणीया दीदी माँ साध्वी समाहिता के उद्बोधन प्राप्त हुए। इस अवसर पर बेहद ओजपूर्ण वातावरण में कवयित्री सम्मलेन प्रारम्भ हुआ। स्कूल के बच्चों द्वारा नृत्य नाटिका के रूप में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। दीदी माँ समाहिता ने अपने आशीर्वचन में वीर सैनिकों के बलिदान को प्रणाम करते हुए कहा। जब वसंत चरम पर होता है तब 44 वीर भारत माता के लाडलों द्वारा बहाए रक्त के एक एक कतरे ने,समूचे देश को जो जातिवाद की गहरी विभाजन रेखा में बंट गया था। पुन: एक अकाट्य सूत्र में बांध दिया। इससे बढ़कर हुतात्माओं का बलिदान भारत माता को क्या उपहार होगा।
इस अवसर पर सर्वश्री शैलजा दुबे, रीता जयहिंद, दिव्या बंसल, ऋतू गोयल, रजनी अवनी, वन्दना रायजादा, सुनीता बुग्गा, साध्वी माँ समाहिता, अंजना अंजुम अपनी अपनी ओज पूर्ण रचनाओं से श्रोताओं के रक्त खौला दिया।
विशेषकर डॉ कीर्ति काले का ओजस्वी गीत "क्या कभी सिंहों का देश चूहों से हारा है........" ने समूचे कार्यक्रम से संदेश दे दिया कि भारत अपने दुश्मनों को छोड़ेगा
नहीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती सुनीता बुग्गा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वेदों में नारी का महत्व और कुटुंब प्रबोधन पर विचार रखें। उन्होंने प्रसिद्ध राष्ट्र कवि आचार्य जगदीश आर्य जी कालजयी अमर गीत "बुलबलों गर तुम्हारा चमन लुट गया... से अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी।
मुख्य वक्ता : विदुषी शर्मा जी ने वसंतोत्सव पर अपने अमूल्य विचार रखते हुए सेविका समिति के कार्यों की जानकारी दी। बेहद सारगर्भित उद्बोधन में उन्होंने माँ सरस्वती का वसंत से संबंध, वीर हकीकत राय के बलिदान को याद दिलाया। सेविका समिति के बहनों को मार्गदर्शन करते हुए कहा हमारी सेविका समिति की बहनें अमर हुतात्माओं के परिवारों के संरक्षण हेतु भारत सरकार को आर्थिक रुप से धन एकत्रीकरण में भूमिका निभाऐं।
अंत में सरीता आनंद जी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
राष्ट्र सेविका समिति का यह आयोजन इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा कि कार्यक्रम तो वसंतोत्सव का था किंतु ह्रदयाघाती घटना के बाद निर्णय किया गया कार्यक्रम को हुतात्मा वीर सैनिकों के शौर्य दिवस के रुप में मनाऐं। कार्यक्रम के आयोजन में प्रांत अधिकारी सरिता आनंद, नीता रूखड़,पुनीता जी, नंदिता जी, वैशाली जी, गायत्री जी सुमन शर्मा जी एवं सभी सेविका समिति की बहनों का विशेष श्रम रहा। कार्यक्रम की संयोजिका विभाग कार्यवाहिका शुभा आर्य थी।
1 Comments
हृदय को छूते हुई गहरे भावों में डूबा गीत
ReplyDelete